दिशाओं के मृदंग
बजने लगे ....
इन्द्रधनुषी रंग
सजने लगे
धरा ने ओढ़ी
चुनरिया धानी
सावन आया संग
ले, नयी जवानी
महके फूल, भ्रमर इतराए
मधुर गीत कोयल ने गाये
झूलों कि लग गयी लम्बी कतारें
नदी उफनती चली तोड़ किनारे
मधुमास कलियों ने मनाया
आसमां का दिल भी धरती पर आया
शंख नाद सुन बादलों का ..
मन के तार ...हो कर झंकृत
देखो खुद ही ...सजने लगे
बजने लगे ....
इन्द्रधनुषी रंग
सजने लगे
धरा ने ओढ़ी
चुनरिया धानी
सावन आया संग
ले, नयी जवानी
महके फूल, भ्रमर इतराए
मधुर गीत कोयल ने गाये
झूलों कि लग गयी लम्बी कतारें
नदी उफनती चली तोड़ किनारे
मधुमास कलियों ने मनाया
आसमां का दिल भी धरती पर आया
शंख नाद सुन बादलों का ..
मन के तार ...हो कर झंकृत
देखो खुद ही ...सजने लगे