एक सृजनात्मक हिन्दी साहित्य का सोपान...."विश्वगाथा" (नया संस्करण) हमारी पत्रिका
Sunday, August 21, 2011
समकालीन हिंदी साहित्य की पाक्षिक वेब पत्रिका
पूर्ण पुरुषोत्तम भगवान श्री कृष्णा के जन्मदिन पर आप सभी को हार्दिक बधाई | ईस पावन पर्वोत्सव पर आप सभी के लिए हम एक समकालीन हिंदी साहित्य की पाक्षिक वेब पत्रिका शुरू कर रहे हैं | ईस रूप में यह एक ऐसा मंच है जहां गद्य-पद्य में हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार, उत्थान के साथ-साथ इसका मुख्य उद्देश्य समकालीन हिंदी साहित्य को विश्व साहित्य की तुलना में समृद्ध करना भी है. तो आईये आप और हम मिलकर अपने हिंदी साहित्य को उस मुक़ाम तक ले जाएँ..... आज सुबह 10.15 बजे से यह पत्रिका आपको समर्पित होगी | * पंकज त्रिवेदी -नरेन्द्र व्यास
(आखर कलश, विश्वगाथा और शब्द मंगल)
बधाई... बधाई...
ReplyDeleteनव्या का आरम्भ और भगवान् श्री कृष्ण जन्माष्टमी की दोहरी बधाई...
सादर...
प्रिय संजय जी, आपको भी ढेर सारी बधाई
ReplyDeletebahut badhai aur shubhkaamnaayen.
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